पूर्वी उत्तर प्रदेश के पण्डित राहुल सांस्कृत्यान, दुवा] ऋषि, अल्लामा शिवली नोमाली एवं दत्तात्रेय, चन्द्रमा ऋषि की तपोभूमि जनपद आजमगढ़ जो तामसा नदी के किनारे बसा है। जिसकी भौगोलिक रूप से एक विशिष्ट पहचान है। इस पिछड़े ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा की कमी को पूरा करने के लिए एक दृढ़ निश्चयी समाजसेवी के द्वारा इस महाविद्यालय की स्थापना की गयी है। इस पिछड़े ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा की कमी को पूरा करने तथा विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना समाजिक दायित्वों के प्रति समपीठ की भावना पैदा करना ही इस संस्था का मूल उद्देश्य है। महाविद्यालय में पुस्तकालय, वाचनालय एवं बुक बैंक की सुविधा उपलब्ध है। शिक्षणेत्तर कार्यक्रम के अन्तर्गत कीड़ा प्रशिक्षण, राष्ट्रीय सेवा योजना, (N.S.S.) रोवर्स रेंजर्स कार्यक्रमो में महाविद्यालय की सक्रिय सहभागिता रहती है।
वार्षिकोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन एवं प्रेरिकी के माध्यम से छात्र-छात्राओं से सम्पर्क तथा महाविद्यालय के विकास के सन्दर्भ में समय-समय पर मूल्याकंन महाविद्यालय की मुख्य विशेषताएं है। यह महाविद्यालय आजमगढ़ जनपद के तहसील सदर विकास खण्ड जहानागंज की ग्राम पंचायत टेल्हुआँ चकावली के दक्षिण तरफ मगई नदी के सुरम्य एवं पावन तट पर स्थित है।
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हरे-भरे वातावरण के बीच स्थित, स्कूल एक सुंदर विशाल परिसर का दावा करता है। मुख्य सड़क पर स्थित, कॉलेज तक आसान पहुंच है। एक उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा अपने छात्रों को सभी सुविधाएं प्रदान करता है। अच्छी तरह से सुसज्जित आधुनिक कंप्यूटर लैब, स्मार्ट कक्षाएं, अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालय, गतिविधि कक्ष, खेल कक्ष और सबसे ऊपर, विशाल, अच्छी रोशनी वाले और हवादार कक्षा-कक्ष। कॉलेज छात्रों को हर मामले में आगे बढ़ने के लिए एक सकारात्मक माहौल प्रदान करता है। खुला खेल का मैदान छात्रों को खेल गतिविधियों में अपने कौशल को निखारने के लिए आकर्षित करता है।
महाविद्यालय में अनुभवी प्राध्यापक नियुक्त है। प्रत्येक कक्षा में फर्नीचर पंखा आदि की उचित व्यवस्था है। विश्वविद्यालय की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए प्रत्येक विषय में कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। विगत वर्षों में यहाँ का परीक्षाफल उत्कृष्ट एवं उत्साहवर्धक रहा। स्नातक कक्षाओं में निम्न विषयों को सम्बद्धता प्राप्त है।